पिपरिया के विकास में बाधा डाल रहे खंड विकास अधिकारी

Sun 02-Mar-2025,07:30 AM IST -07:00
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प्रतिनिधी गुलशन बनोटे सालेकसा 

 सरपंच गुणाराम मेहर ने पत्रकार परिषद में दि जानकारी

सालेकसा -सालेकसा तहसील तहत संवेदनशील,नक्सल प्रभावित तथा आदिवासी क्षेत्र के नाम से ख्याति प्राप्त तथा आमगांव-देवरी विधानसभा क्षेत्र तहत सबसे बड़ी ग्राम पंचायत के रूप में ख्याति प्राप्त पिपरिया ग्राम पंचायत के विकास में बाधा डालने की सजा सालेकसा खंड विकास अधिकारी श्री संजय पुरी को मिलना तय होने की जानकारी दिनांक 2 मार्च 2025 को आयोजित पत्रकार परिषद में पिपरिया के प्रभारी सरपंच गुणाराम मेहर ने पत्रकारों से चर्चा के दरमियान बताया। उन्होंने बताया कि पिपरिया में नागरिक सुविधा योजना तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 में एक पाँच लाख मूल्य का सीमेंट सड़क बांधकाम मंजूर है। जिसका कार्यारंभ आदेश भी ग्राम पंचायत के पास हैं। उसी प्रकार वर्ष 2024-25 में तीन कामों का कार्यारंभ आदेश ग्राम पंचायत के पास मौजूद है लेकिन उक्त सभी कार्यों का अंदाजपत्र गायब है। जिसकी पूरी जानकारी खंडविकास अधिकारी श्री संजय पुरी को है। उक्त सभी कार्यों का अंदाजपत्र शीघ्र उपलब्ध कराने की मांग भरा पत्र दिनांक 21 फरवरी को खंडविकास अधिकारी को सौंपा गया लेकिन अभी तक उनके द्वारा ना ही अंदाजपत्र दिया गया ना और ना ही पत्र का जवाब तत्संबंध में भ्रमणध्वनी पर संपर्क करने पर श्री संजय पुरी ने बताया कि अभी पत्र का जवाब देने का समय उनके पास नहीं है,जब समय मिलेगा जवाब मिलेगा,लेकिन अंदाज पत्र तो मिलना संभव नहीं है,चाहे तुम कुछ भी कर डालो। संजय पुरी के इस वक्तव्य से नाराज गुणाराम मेहर ने पत्रकार परिषद में पत्रकारों से चर्चा के दरमियान आगे बताया कि ऐसे ही लालची प्रवृत्ति के तत्कालीन प्रभारी खंडविकास अधिकारी रविंद्र पराते ने 08 और 11 अक्टूबर 2023 को ग्राम पंचायत में लाखों की हेराफेरी करवाई और लालच के शिकार तत्कालीन ग्रामविकास अधिकारी और सरपंच हो गए। मामला राज्य के ग्राम विकास मंत्रालय में विचाराधीन है। मामले में बोगस मस्टर रोल के माध्यम से 7 लाख रुपए का गबन किया गया। अभी भी उक्त राशि का पता नहीं है। आरटीजीएस के माध्यम से 21 लाख की जो हेरा फेरी की गई उसे लगभग 10 महीने पश्चात शिकायत की जांच के दरमियान जमा किया गया। यदि मामले की शिकायत नहीं की जाती तो यह पूरा मामला ले देकर रफा-दफा हो गया था। इस मामले का तीसरा सरगना रविंद्र पराते अभी यहां से तबादला करके बाहर। है लेकिन मामले की विभागीय जांच में उसका भी बचना मुश्किल है।तो वहीं अब वर्तमान खंड विकास अधिकारी संजय पुरी जानबूझकर हाथ डाल चुके हैं और विकास में बाधा डाल रहे हैं। गुणाराम मेहर ने बताया कि पिपरिया के विकास में जानबूझकर बाधाएं निर्माण कर भी संजय पुरी क्या साबित करना चाहते हैं?और इसके पीछे किसका हाथ है यह तो वह ही जाने वैसे मुझे सब कुछ पता है। लेकिन इस मामले को लेकर वे स्वयं राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणविस तथा ग्राम विकास मंत्री जयकुमार गोरे से मिलकर इस आर्थिक सत्र के दरमियान प्रत्यक्ष मुलाकात कर चर्चा करेंगे। इसके लिए समय लिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि दिनांक 22 जनवरी 2025 से उन्हें पिपरिया सरपंच का प्रभार मिला है। तब से उन्हें अनेक प्रकार से विरोधियों द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्हें धमकियां मिल चुकी है जिसकी लिखित शिकायत वे कर चुके हैं। सारा माजरा मालूम होने के बावजूद अब खंडविकास अधिकारी श्री संजय पुरी जानबूझकर पिपरिया के विकास में बाधा डाल रहे हैं। जिसका परिणाम उन्हें निश्चित रूप से भुगतना पड़ेगा क्योंकि आखिर कानून से बड़ा कोई नहीं है और उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है कि कानून का उल्लंघन करने वाला व्यक्ति वह कितना ही बड़ा हो,वह बच नहीं सकता.