कचारगढ में सुविधाओं का अभाव
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प्रतिनिधी गुलशन बनोठे सालेकसा
तत्कालीन व वर्तमान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की थी 100 करोड़ देने की
गोंदिया:सालेकसा हीं नही अपितू देशभर के आदिवासी समाज श्रद्धा स्थल कचारगढ़ में हर वर्ष माघ माह की पूर्णिमा पर आदिवासी समाज का महासम्मेलन लगता है.इस दौरान नेताओं द्वारा बड़ी-बड़ी घोषणाएं की जाती है. लेकिन आज तक एक भी घोषणा पूरा नहीं हो पा सका है परिणामस्वरुप कचारगढ़ पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को हमेशा ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है. मुख्यमंत्री से लेकर केंद्रीय मंत्री, सांसद व विधायक द्वारा अब तक करीब 100 करोड रुपए की घोषणा की गई है. लेकिन कचारगढ़ के हाथ कुछ भी नहीं लग सका है. इस वर्ष भी कचारगढ़ यात्रा का आयोजन भव्य रूप से किया गया है. यहां वर्ष 1984 से इस यात्रा की शुरुआत हुई थी.यात्रा की शुरुआती दौर में काफी कम संख्या में श्रद्धालु आते थे.लेकिन पिछले 25- 30 वर्षों से यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है.यहा आने वाले श्रद्धालुओं को हर वर्ष अनेक सुविधाओं का सामना करना पड़ता है. हर वर्ष मुख्यमंत्री,केंद्रीय मंत्री,सांसद व विधायक यहां बड़ी संख्या में पहुंचते पहुंचते हैं और बड़ी-बड़ी घोषणाएं करते हैं.युति शासनकाल में मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, राज्य के वित्त मंत्री यहख आए थे. उस समय सभी ने कचारगढ़ तीर्थ क्षेत्र के विकास के लिए निधि की कमी नहीं होने का वादा किया था. तथा समिति से यह भी कहा गया था कि वह प्रस्ताव लाए, सरकार कचारगढ के विकास के लिए निधि की कमी नहीं होने देंगे. आदिवासी विकासमंत्री का हर वर्ष कचारगढ़ दौरा होता है. पिछले वर्ष भी आदिवासी विकासमंत्री विजयकुमार गावित यहां आए थे, उस दौरान उन्होंने कचारगढ़ तीर्थक्षेत्र के विकास के लिए प्रस्ताव भेजने पर निधि की कमी नहीं होने देने का वादा किया था. मंत्री का यह भी कहना था कि कचारगढ़ के विकास के लिए निधि की कमी नहीं होने दिया जाएगा. परंतु हालत जस की तस बनी रहती है.100 करोड़ से अधिक की घोषणा इस स्थल के विकास के लिए तात्कालिक मुख्यमंत्री व वर्तमान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस खासदार अशोक नेते, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी,तत्कालीन आमदार व वर्तमान आमदार संजय पुराम,आदिवासी विकास मंत्री विष्णु सावरा,पर्यटन मंत्री विजयकुमार गावित,सुधीर मुनगंटिवार, प्राजक्त तनपूरे, अनिल देशमुख उपस्थित थे इस दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इन्होंने धनेगाव कचारगढ़ के लिए करीब 100 करोड रुपए से अधिक निधि की घोषणा किया गया . लेकिन स्थिति यह है कि यहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव रहता है. कचारगढ़ में बड़ी संख्या में महिला- पुरुष- बच्चे समेत पर्यटक देश के कोने-कोने से आते हैं, लेकिन सुविधा के अभाव में हजारों महिला पुरुष श्रद्धालुओं को खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ती है. कचारगढ़ तीर्थ क्षेत्र धनेगाव में 5000 लोगों के लिए सर्वसुविधायुक्त भक्त निवास की अत्यंत आवश्यकता है.नहीं बना भक्त निवास कचारगढ़ यात्रा में अब तक भक्त निवास नहीं बन पाया है. जबकि यहां आने वाले लाखों श्रद्धालु वह पर्यटकों को शौचालय की अभाव में मजबूरन खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है.महिलाओं को शौच व नहाने से लेकर कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. साथ ही शुद्ध पेयजल की भी सुविधा नहीं है. मूलभूत सुविधाओं के साथ ही आदिवासी संस्कृति के जतन के लिए वास्तु संग्रहालय,ग्रंथालय की आवश्यकता है. सरकार हर वर्ष भक्त निवास की घोषणा तो करती है परंतु अब तक निधि उपलब्ध नहीं कर पाई है.कचारगढ़ मेले का संपूर्ण भारत के आदिवासी समुदाय के साथ-साथ लाखों लोगों की संख्या में नागरिक पहुंचते हैं लेकिन अनेक सुविधाओं की अत्यंत आवश्यकता है. समिति के माध्यम से वर्ष 2023 में 14 -15 करोड रुपए की मांग का प्रस्ताव सरकार को भेजा था लेकिन प्रस्ताव रुका हुआ है.दुर्गाप्रसाद कोकोड़े अध्यक्ष कचारगढ़ तीर्थक्षेत्र समिती धनेगाव महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार है सरकार इसे गंभीरता से से लेकर इसके विकास को प्रमुखता से किया जाना चाहिए.सहसराम कोरोटे पूर्व विधायक आमगांव कचारगढ में विकास के लिए 100 करोड रुपए का प्रस्ताव पेश किया गया था परंतु वन विभाग की जगह होने के कारण कुछ समस्या निर्माण हुआ परंतु हमारी सरकार होने के कारण जिलाधिकारी मार्फत प्रस्ताव पास कर जल्द से जल्द निधि मंजूर किया जाएगा संजय पुराम आमदार आमगांव देवरी विधानसभा