हिंगणघाट मुस्लिम समाज द्वारा पहलगाम आतंकी हमले का तीव्र निषेध

Sat 26-Apr-2025,07:35 AM IST -07:00
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अब्दुल कदीर बक्श ( हिंगणघाट )

 

हिंगणघाट – दिनांक २२ अप्रैल २०२५ को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बैसरण घाटी में हुए भीषण आतंकी हमले में २८ निर्दोष पर्यटकों की मौत और कई अन्य के घायल होने की घटना के विरोध में हिंगणघाट मुस्लिम समाज ने तीव्र निषेध व्यक्त किया है। समाज के प्रतिनिधियों ने उपविभागीय अधिकारी, हिंगणघाट के माध्यम से भारत सरकार को निवेदन प्रेषित किया, जिसमें इस कायरतापूर्ण और अमानवीय हमले की कठोरतम शब्दों में निंदा की गई है।

हिंगणघाट मुस्लिम समाज ने स्पष्ट किया है कि यह हमला न केवल देश की अखंडता और एकता पर हमला है, बल्कि मानवता को कलंकित करने वाला है। इस हमले में यह बात सामने आई है कि आतंकियों द्वारा मजहब पूछकर निर्दोष लोगों की हत्या की गई, जो इस्लाम धर्म की मूल शिक्षाओं के पूरी तरह विपरीत है। समाज ने कहा कि इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शिक्षाएँ हमेशा मानवता, करुणा, दया और जीवन रक्षा की प्रेरणा देती हैं।

समाज ने कहा कि कुरआन की आयत में यह स्पष्ट कहा गया है कि "जिसने किसी एक निर्दोष की हत्या की, उसने पूरी इंसानियत की हत्या की और जिसने एक जान बचाई, उसने पूरी इंसानियत को बचाया।" इस्लाम कभी भी किसी भी व्यक्ति की जान मजहब के आधार पर लेने की अनुमति नहीं देता। इसलिए इस प्रकार की जघन्य और शर्मनाक घटनाओं को इस्लाम धर्म से जोड़ना न केवल अनुचित है, बल्कि स्वयं धर्म का अपमान है।

हिंगणघाट मुस्लिम समाज ने सरकार से यह माँग की है कि इस घटना की निष्पक्ष उच्चस्तरीय जाँच कर दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कठोरतम सजा दी जाए, ताकि देश की एकता और शांति बनी रहे। साथ ही आतंकवादी संगठनों की जड़ें समाप्त करने और आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में सरकार निर्णायक कदम उठाए।

समाज ने इस दुखद घटना में जान गंवाने वाले सभी नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की। घायल पर्यटकों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए समाज ने यह भी कहा कि हिंसा किसी भी मजहब या धर्म का हिस्सा नहीं है। हिंगणघाट मुस्लिम समाज शांति, सौहार्द और इंसानियत के साथ हमेशा खड़ा रहेगा।